संवैधानिक पैरोकार के असंवैधानिक बोल कहा हो रही है नीच पत्रकारिता.......
अल्मोड़ा। विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान की जुबान शनिवार को बुलाई गई प्रेस वार्ता में फिसल पड़ी। जब वह तमाम मीडिया कर्मियों के समक्ष अपनी बात रखते हुए अपने खिलाफ छपने वाले बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे ‘नीच पत्रकारिता’ बोल बैठे।
दरअससल, विगत दिनों पालिका विस्तार मामले में अपने खिलाफ छपे बयानों से असहज हुए उत्तराखंड विधानसभा उपाध्यक्ष इतना उखड़े कि अपनी ही बुलाई गयी पत्रकार वार्ता में उनके खिलाफ बयान छापने को नीच पत्रकारिता की संज्ञा दे बैठे। इसका वहां आये पत्रकारों ने तीव्र विरोध शुरू कर दिया। हंगामे के बीच पत्रकार प्रेस वार्ता का बहिष्कार करने तक को तैयार हो गये। हालत को भांपते ही चैहान को अपनी गलती का अहसास हुआ तो वह कहने लगे कि, ‘‘उन्होंने अपने खिलाफ बयान देने वाले लोगों को नीच कहा है, पत्रकारों को नही।’’ फिर काफी बहस के बाद जब वह अपने को डिफेंड नही कर सके तो मांफी मांगते नजर आये। यह मामला शाम के लगभग चार बजे के आसपास का है। विधानसभा उपाध्यक्ष व अल्मोड़ा के विधायक रघुनाथ सिंह चैहान ने यहां स्थानीय जोश्ज्यू होटल में एक प्रेस वार्ता आयोजित की थी। पत्रकारों ने जब उनसे अल्मोड़ा से सटे 23 गांवों को पालिका में शामिल करने पर हो रहे जनविरोध पर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया तो संवैधानिक पद पर बैठे विधायक महोदय एकदम से उखड़ पडे़ और जबान इतनी फिसली कि पत्रकारों को ही नीच कह बैठे। इनके इस कथन से पत्रकार बिफर पड़े और हालत यह हो गयी थी कि पत्रकार पे्रस वार्ता छोड़कर जाने का तैयार हो गये थे किसी तरह मामला संभल सका। श्री चैहान ने आगे कहा कि कुछ लोग पालिका के विस्तार पर ओछी राजनीति कर रहे हैे और वह उन्हंे चेतावनी देते हंै कि सुधर जाये। कहा कि यदि 23 गांवों के लोग पालिका में शामिल नहीं होना चाहते तो उन्हे जबरन पालिका में शामिल नही किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में वह बेहद संजीदा हैं और पूर्व में मुख्यमंत्री को उन्होंने ज्ञापन देकर ग्रामीण क्षेत्र की जनता की इच्छा के बिना पालिका में शामिल नही करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अभी जनता से आपत्तियां मांगी जा रही हैं और किसी भी क्षेत्र को जबरन शामिल नही होने दिया जायेगा। अपने छह माह के कार्यकाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जरूरतमंद लोगों को उन्होंने मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 16 लाख की सहायता उपलब्ध करवाई। शौचालय योजना के तहत 48 लाख की धनराशि अवमुक्त होने की जानकारी देते हुए उन्हांेने कहा कि जल्द ही पात्र लोगों को यह धनराशि प्रदान की जायेगी। उन्होंने कहा कि चितई मंदिर में रोजाना लग रहे जाम की स्थिति से निपटने के लिये चितई मंदिर के समीप पार्किंग बनाये जाने की योजना प्रस्वावित है। श्री चैहान ने बताया कि नगर में एक बड़ी समस्या सीवर लाईन की है और दो जोन मे कार्य पूर्ण हो चुका है। दो नये जोन के लिये 21 करोड़ की डीपीआर बनने के बाद इसे शासन को प्रेषित किया जा रहा है और शासन स्तर पर वह धन अवमुक्त कराने का प्रयास करेंगे। पेयजल योजना के संबंध में उन्होंने कहा कि विक्टर मोहन जोशी जलाशय में पेयजल लाइन डालकर अल्मोड़ा में पेयजल आपूर्ति दुरूस्त की जायेगी। पत्रकार वार्ता में उनके साथ भाजपा जिलाध्यक्ष ललित लटवाल, धर्मेन्द्र बिष्ट, चंदन लाल टम्टा भी मौजूद रहे।
पत्रकार बोले आपको विरोधियों को भी नीच कहने का हक नहीं !
अल्मोड़ा। पत्रकार वार्ता में ‘नीच पत्रकारिता’ शब्द पर विधायक रघुनाथ सिंह चैहान ने पत्रकारों से तो यह कहकर मांफी मांग ली कि यह कथन उन्होंने पत्रकारों के लिए नहीं, बल्कि उनके खिलाफ बयानबाजी कर रहे लोगों के लिये दिया था। इस पर मीडिया कर्मियों ने कहा कि वह विधानसभा उपाध्यक्ष हैं यदि वह अपने खिलाफ बयान देने वाले लोगो के लिये इस शब्द को प्रयुक्त कर रहे हैं तो यह भी उन्हें शोभा नहीं देता। चूंकि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का हक है। मीडिया कर्मियों ने कहा कि वह विधानसभा क्षेत्र की जिस जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं, वहां उनके खिलाफ बयान देने वाली जनता भी कैसे नीच हो सकती है ?
प्रचार माध्यमों से साभार.....
दरअससल, विगत दिनों पालिका विस्तार मामले में अपने खिलाफ छपे बयानों से असहज हुए उत्तराखंड विधानसभा उपाध्यक्ष इतना उखड़े कि अपनी ही बुलाई गयी पत्रकार वार्ता में उनके खिलाफ बयान छापने को नीच पत्रकारिता की संज्ञा दे बैठे। इसका वहां आये पत्रकारों ने तीव्र विरोध शुरू कर दिया। हंगामे के बीच पत्रकार प्रेस वार्ता का बहिष्कार करने तक को तैयार हो गये। हालत को भांपते ही चैहान को अपनी गलती का अहसास हुआ तो वह कहने लगे कि, ‘‘उन्होंने अपने खिलाफ बयान देने वाले लोगों को नीच कहा है, पत्रकारों को नही।’’ फिर काफी बहस के बाद जब वह अपने को डिफेंड नही कर सके तो मांफी मांगते नजर आये। यह मामला शाम के लगभग चार बजे के आसपास का है। विधानसभा उपाध्यक्ष व अल्मोड़ा के विधायक रघुनाथ सिंह चैहान ने यहां स्थानीय जोश्ज्यू होटल में एक प्रेस वार्ता आयोजित की थी। पत्रकारों ने जब उनसे अल्मोड़ा से सटे 23 गांवों को पालिका में शामिल करने पर हो रहे जनविरोध पर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया तो संवैधानिक पद पर बैठे विधायक महोदय एकदम से उखड़ पडे़ और जबान इतनी फिसली कि पत्रकारों को ही नीच कह बैठे। इनके इस कथन से पत्रकार बिफर पड़े और हालत यह हो गयी थी कि पत्रकार पे्रस वार्ता छोड़कर जाने का तैयार हो गये थे किसी तरह मामला संभल सका। श्री चैहान ने आगे कहा कि कुछ लोग पालिका के विस्तार पर ओछी राजनीति कर रहे हैे और वह उन्हंे चेतावनी देते हंै कि सुधर जाये। कहा कि यदि 23 गांवों के लोग पालिका में शामिल नहीं होना चाहते तो उन्हे जबरन पालिका में शामिल नही किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में वह बेहद संजीदा हैं और पूर्व में मुख्यमंत्री को उन्होंने ज्ञापन देकर ग्रामीण क्षेत्र की जनता की इच्छा के बिना पालिका में शामिल नही करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अभी जनता से आपत्तियां मांगी जा रही हैं और किसी भी क्षेत्र को जबरन शामिल नही होने दिया जायेगा। अपने छह माह के कार्यकाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जरूरतमंद लोगों को उन्होंने मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 16 लाख की सहायता उपलब्ध करवाई। शौचालय योजना के तहत 48 लाख की धनराशि अवमुक्त होने की जानकारी देते हुए उन्हांेने कहा कि जल्द ही पात्र लोगों को यह धनराशि प्रदान की जायेगी। उन्होंने कहा कि चितई मंदिर में रोजाना लग रहे जाम की स्थिति से निपटने के लिये चितई मंदिर के समीप पार्किंग बनाये जाने की योजना प्रस्वावित है। श्री चैहान ने बताया कि नगर में एक बड़ी समस्या सीवर लाईन की है और दो जोन मे कार्य पूर्ण हो चुका है। दो नये जोन के लिये 21 करोड़ की डीपीआर बनने के बाद इसे शासन को प्रेषित किया जा रहा है और शासन स्तर पर वह धन अवमुक्त कराने का प्रयास करेंगे। पेयजल योजना के संबंध में उन्होंने कहा कि विक्टर मोहन जोशी जलाशय में पेयजल लाइन डालकर अल्मोड़ा में पेयजल आपूर्ति दुरूस्त की जायेगी। पत्रकार वार्ता में उनके साथ भाजपा जिलाध्यक्ष ललित लटवाल, धर्मेन्द्र बिष्ट, चंदन लाल टम्टा भी मौजूद रहे।
पत्रकार बोले आपको विरोधियों को भी नीच कहने का हक नहीं !
अल्मोड़ा। पत्रकार वार्ता में ‘नीच पत्रकारिता’ शब्द पर विधायक रघुनाथ सिंह चैहान ने पत्रकारों से तो यह कहकर मांफी मांग ली कि यह कथन उन्होंने पत्रकारों के लिए नहीं, बल्कि उनके खिलाफ बयानबाजी कर रहे लोगों के लिये दिया था। इस पर मीडिया कर्मियों ने कहा कि वह विधानसभा उपाध्यक्ष हैं यदि वह अपने खिलाफ बयान देने वाले लोगो के लिये इस शब्द को प्रयुक्त कर रहे हैं तो यह भी उन्हें शोभा नहीं देता। चूंकि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का हक है। मीडिया कर्मियों ने कहा कि वह विधानसभा क्षेत्र की जिस जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं, वहां उनके खिलाफ बयान देने वाली जनता भी कैसे नीच हो सकती है ?
प्रचार माध्यमों से साभार.....
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